राजा और चतुर बकरी की कहानी | Ek pari ki kahani |

राजा और चतुर बकरी की कहानी

प्रारंभिक परिचय

Ek pari ki kahani | एक समय की बात है, एक सुंदर और समृद्ध राज्य था जिसका नाम हर्ष नगर था। इस राज्य के राजा का नाम विक्रम था। राजा विक्रम एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय शासक थे। राज्य के लोग उन्हें बहुत प्यार करते थे। हर्ष नगर की खासियत थी कि यहाँ पर हर तरह के जानवर और पक्षी बिना किसी डर के रहते थे।

अजीब घटना

एक दिन, राजा विक्रम अपने दरबार में बैठे थे जब एक किसान दौड़ता हुआ आया। किसान बहुत परेशान दिख रहा था। उसने राजा से कहा, “महाराज, मेरी सबसे प्यारी बकरी खो गई है। वह बहुत ही समझदार और प्यारी बकरी है।” राजा विक्रम ने किसान की बात सुनी और उसकी मदद करने का वादा किया। Ek pari ki kahani |

बकरी की खोज

राजा विक्रम ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि वे किसान की बकरी की खोज करें। सैनिकों ने जंगल, पहाड़ और नदी किनारे जाकर बकरी को ढूंढा लेकिन वे उसे नहीं पा सके। राजा विक्रम ने सोचा कि उसे खुद जाकर बकरी को ढूंढना होगा। Ek pari ki kahani |

राजा की यात्रा

राजा विक्रम अपने कुछ सैनिकों के साथ बकरी की खोज में निकल पड़े। वे जंगल के गहरे हिस्से में पहुँचे जहाँ उन्होंने देखा कि एक बकरी एक शेर के सामने खड़ी है। शेर बकरी को डराने की कोशिश कर रहा था लेकिन बकरी बहुत ही शांत और निडर थी। राजा विक्रम ने देखा कि बकरी शेर से कुछ बात कर रही है। Ek pari ki kahani |

बकरी की बुद्धिमानी

राजा विक्रम ने ध्यान से सुना कि बकरी शेर को कह रही है, “मुझे खाने से पहले सोच लो, मैं बहुत ही चतुर बकरी हूँ और मेरी माँ ने मुझे सिखाया है कि कैसे शेर से बचा जाता है। अगर तुम मुझे खा लोगे तो मेरी चतुराई का रहस्य तुम कभी नहीं जान पाओगे।” शेर को बकरी की बात में रुचि आई और उसने कहा, “अगर तुम मुझे अपनी चतुराई का रहस्य बता दो तो मैं तुम्हें छोड़ दूँगा।”

रहस्य का खुलासा

बकरी ने शेर से कहा, “मुझे छोड़ दो और मैं तुम्हें जंगल के सारे जानवरों का राज़ बता दूँगी।” शेर ने बकरी को छोड़ दिया और बकरी ने भागकर राजा विक्रम और उसके सैनिकों के पास पहुँच गई। राजा विक्रम ने बकरी की समझदारी और साहस की तारीफ की। Ek pari ki kahani |

राजा की सहायता

राजा विक्रम ने बकरी को अपने महल में सुरक्षित रखा और किसान को उसकी बकरी लौटाई। राजा ने बकरी को सम्मानित किया और कहा, “तुम्हारी समझदारी और चतुराई ने तुम्हें और हमारे राज्य को बचा लिया। तुमने हमें एक बड़ी सिख दी है कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और समझदारी से काम लेना चाहिए।

कहानी का संदेश

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि बुद्धिमानी और साहस से किसी भी संकट का सामना किया जा सकता है। राजा विक्रम और बकरी की यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें हमेशा समझदारी से काम लेना चाहिए और किसी भी मुश्किल स्थिति में हार नहीं माननी चाहिए।

समाप्त


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