एक छोटे से गाँव में, हरियाली से घिरे पहाड़ों के बीच, एक लड़का रहता था जिसका नाम आरव था। वह शांत और गंभीर स्वभाव का था। स्कूल के बाद, आरव अक्सर पुराने पीपल के पेड़ के नीचे बैठा रहता। बाकी बच्चे क्रिकेट खेलते और मस्ती करते, लेकिन आरव किताबों और कहानियों की दुनिया में खोया रहता। उसकी इस आदत की वजह से बच्चे उसे चिढ़ाते और उसे “बोरिंग” कहते। Pariyon ki Kahani
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हालांकि आरव अकेला था, लेकिन उसकी कल्पनाशक्ति उसे एक अलग दुनिया में ले जाती। एक दिन, जब वह स्कूल के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठा था, उसने पेड़ की पत्तियों के बीच एक हल्की सुनहरी रोशनी देखी। पहले तो उसे लगा कि यह सूरज की रोशनी होगी, लेकिन धीरे-धीरे वह रोशनी तेज हो गई। और फिर, उसमें से एक छोटी, चमकती हुई परी निकली।
“तुम कौन हो?” आरव ने हैरानी से पूछा।
“मैं चैताली हूं,” परी ने मुस्कुराते हुए कहा। “मैं कहानियों की परी हूं। मैं तुम्हें लंबे समय से देख रही हूं। लेकिन तुम यहाँ अकेले क्यों बैठे रहते हो?”
आरव ने थोड़ी झिझक के बाद कहा, “कोई मुझसे दोस्ती नहीं करना चाहता। वे कहते हैं कि मैं बोरिंग हूं क्योंकि मुझे किताबें और कहानियां पसंद हैं।”
चैताली ने उसकी बात सुनकर प्यार से कहा, “आरव, जो लोग अलग तरह से सोचते हैं, अक्सर अकेले चलते हैं। लेकिन तुम्हारी कहानियों की पसंद तुम्हारी ताकत है। आओ, मैं तुम्हें इसकी जादुई शक्ति दिखाती हूं।”
चैताली ने अपने छोटे से हाथ को हिलाया, और एक रंग-बिरंगे प्रकाश का घेरा बन गया। आरव डर और उत्साह के साथ उसमें चला गया।
कहानियों की जादुई दुनिया
वे एक ऐसी दुनिया में पहुँच गए जो किसी सपने जैसी थी। वहाँ बोलते हुए जानवर, चमकती नदियाँ और गाने वाले पेड़ थे। आरव की पसंदीदा कहानियों के किरदार वहाँ मौजूद थे—अकबर के बीरबल, तेनालीराम, और कई बहादुर राजकुमार व राजकुमारियां।
“यह कहानियों की भूमि है,” चैताली ने बताया। “तुम्हारी कल्पना से ही यह दुनिया जीवंत होती है। लेकिन अब यह खतरे में है।”
आसमान पर एक बड़ी काली छाया मंडरा रही थी। चैताली ने उसकी ओर इशारा किया, “यह वैराग्य है, उदासी का दानव। यह अकेलेपन और निराशा से शक्ति पाता है और हमारी दुनिया को नष्ट कर रहा है। केवल तुम इसे रोक सकते हो।”
आरव ने घबराते हुए कहा, “मैं? मैं तो सिर्फ एक साधारण लड़का हूं।”
“तुम्हारे पास कहानियों की ताकत है,” चैताली ने उसे एक चमकता हुआ कलम देते हुए कहा। “इससे वैराग्य की हार की कहानी लिखो, और वह सच हो जाएगी।”
आरव ने हिम्मत जुटाकर लिखना शुरू किया। उसकी कलम से निकले शब्द हवा में चमकने लगे। उसने लिखा कि कैसे कहानियों के किरदार एकजुट होकर एक साहस और दया का जाल बनाते हैं। उस जाल में वैराग्य फंस गया और अंत में गायब हो गया।
कहानियों की भूमि में खुशियाँ लौट आईं। हर कोई आरव की बहादुरी की सराहना कर रहा था।
आरव की जीत
गाँव लौटने के बाद, आरव में एक नया आत्मविश्वास था। उसने स्कूल में कहानियां सुनाना शुरू किया। बच्चे, जो उसे पहले चिढ़ाते थे, अब उसकी कहानियों से मोहित हो गए। धीरे-धीरे, वह दोस्तों से घिर गया।
अब आरव कभी अकेला नहीं महसूस करता। हर कहानी जो वह सुनाता, उसे चैताली और कहानियों की जादुई भूमि की याद दिलाती।