परी और गुस्सैल लड़के की कहानी |kahani hindi|

परी और गुस्सैल लड़के की कहानी

एक समय की बात

English story | एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम मयंक था। मयंक बहुत ही गुस्सैल स्वभाव का था। उसे छोटी-छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा आ जाता था और वह अपने दोस्तों और परिवारवालों से लड़ाई करने लगता था। इस कारण से, गांव के लोग और बच्चे उससे डरते थे और उसके साथ खेलने से कतराते थे।

गांव का त्योहार

गांव में हर साल एक बड़ा त्योहार मनाया जाता था। इस बार भी तैयारी जोर-शोर से हो रही थी। सभी बच्चे उत्साहित थे लेकिन मयंक को गुस्सा आ रहा था क्योंकि कोई भी उसे खेल में शामिल नहीं करना चाहता था। वह अकेला महसूस कर रहा था और उसकी आंखों में गुस्सा था। Lal pari ki kahani |

रहस्यमय जंगल

एक दिन, गुस्से में मयंक जंगल की ओर निकल पड़ा। चलते-चलते वह एक घने जंगल में पहुंच गया। अचानक, उसे एक प्यारी सी परी दिखाई दी। परी का नाम रिया था और वह अपने जादुई पंखों के साथ उड़ रही थी। रिया ने मयंक के गुस्से को महसूस किया और उससे पूछा, “तुम इतने गुस्से में क्यों हो, मयंक?”

मयंक की परेशानी

मयंक ने रोते हुए कहा, “मुझे कोई पसंद नहीं करता। सब मुझसे दूर भागते हैं क्योंकि मैं जल्दी गुस्सा हो जाता हूँ।” रिया ने मयंक की समस्या सुनी और सोचा कि उसे मदद करनी चाहिए। उसने मयंक से कहा, “तुम्हारे गुस्से का कारण जानना बहुत जरूरी है। गुस्सा किसी समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि और भी समस्याएं पैदा करता है।”

परी का जादू

रिया ने मयंक को एक जादुई दर्पण दिखाया। उसने कहा, “इस दर्पण में देखो और अपने गुस्से का कारण जानने की कोशिश करो।” मयंक ने दर्पण में देखा और देखा कि हर बार जब वह गुस्सा होता था, तो उसकी आंखें लाल हो जाती थीं और वह अपने दोस्तों को डराता था। उसने यह भी देखा कि उसके गुस्से के कारण उसके दोस्त उससे दूर हो गए थे।

समाधान की तलाश

मयंक ने महसूस किया कि उसका गुस्सा ही उसकी समस्याओं का कारण था। उसने रिया से पूछा, “मुझे बताओ कि मैं कैसे अपने गुस्से को नियंत्रित कर सकता हूँ?” रिया ने कहा, “तुम्हें धैर्य और शांति की जरूरत है। जब भी तुम्हें गुस्सा आए, गहरी सांस लो और दस तक गिनो। इससे तुम्हारा गुस्सा शांत हो जाएगा। Lal pari ki kahani |

परिवर्तन का आरंभ

मयंक ने रिया की सलाह को मानकर अपने गुस्से पर काबू पाने की कोशिश की। उसने देखा कि जब वह गुस्सा होने पर गहरी सांस लेता और गिनती करता, तो उसका गुस्सा धीरे-धीरे शांत हो जाता था। उसने अपने दोस्तों से माफी मांगी और उन्हें समझाया कि वह अपनी गलती सुधारने की कोशिश कर रहा है। Lal pari ki kahani |

गांव की खुशहाली

धीरे-धीरे मयंक ने अपने गुस्से पर पूरी तरह से काबू पा लिया और वह फिर से अपने दोस्तों के साथ खेलना और मस्ती करना शुरू कर दिया। गांव के लोगों ने मयंक के इस बदलाव को देखकर उसकी तारीफ की। रिया ने मयंक को आशीर्वाद दिया और कहा, “तुमने साबित कर दिया कि सच्चे दिल से कोशिश करने पर हर बदलाव संभव है। Lal pari ki kahani |

कहानी का संदेश

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि गुस्सा किसी समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि और भी समस्याएं पैदा करता है। हमें धैर्य और शांति से काम लेना चाहिए और अपने गुस्से पर काबू पाने की कोशिश करनी चाहिए। मयंक की यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चे दिल से कोशिश करने पर हम अपने व्यवहार को बदल सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। Lal pari ki kahani |

समाप्त


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