जादुई बरगद का पेड़ (Fairy Tale)
किसी समय की बात है, अरावली पहाड़ों की तलहटी में बसे एक छोटे से गाँव में मीरा नाम की एक लड़की रहती थी। उसे अपनी दयालुता और जिज्ञासा के लिए जाना जाता था। मीरा को अपने गाँव के आस-पास के जंगलों में घूमना और प्रकृति की खूबसूरती को निहारना बहुत पसंद था। Fairy Tale |
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एक दिन, जंगल में गहराई तक जाते हुए मीरा एक विशाल बरगद के पेड़ के पास पहुँची। उसकी जड़ें ऐसे फैली थीं जैसे कोई भूलभुलैया हो। वह पेड़ बाकी सभी पेड़ों से बड़ा था, और उसकी शाखाएँ सुनहरी चमकती पत्तियों से सजी थीं। जैसे ही मीरा पास पहुँची, उसने एक हल्की, मधुर गुनगुनाहट सुनी।
“जादुई बरगद के पास कौन आया है?” एक कोमल आवाज गूँजी। मीरा चौंक गई और इधर-उधर देखने लगी, लेकिन उसे कोई दिखाई नहीं दिया। हिम्मत जुटाकर उसने कहा, “मैं मीरा हूँ। आप कौन हैं?”
पेड़ की जड़ों के पास से एक हल्की चमक उठी, और वहाँ से एक नन्ही सी परछाई निकली। वह एक परी थी, जो मीरा के हाथ जितनी ऊँचाई की थी और जिसकी पंख सुबह की ओस की तरह चमचमाते थे। परी मुस्कुराई और बोली, “मैं अनया हूँ, इस पेड़ की संरक्षक। तुम्हारा दिल दयालु है, मीरा। इसलिए तुमने पेड़ का गीत सुना।”
अनया ने समझाया कि यह बरगद का पेड़ जादुई है, जो जंगल और उसके जीवों की रक्षा करता है। लेकिन इसकी जादूई शक्ति खत्म हो रही है क्योंकि किसी ने इसकी जड़ों में छिपा पवित्र क्रिस्टल चुरा लिया है। उसके बिना, जंगल का संतुलन बिगड़ जाएगा।
“क्या मैं मदद कर सकती हूँ?” मीरा ने उत्सुकता से पूछा।
अनया ने सिर हिलाया। “वह क्रिस्टल अब लालची राजा विराज के महल में है। वह उसे अपने खजाने के कमरे को रोशन करने के लिए इस्तेमाल करता है। अगर तुम इसे वापस ला सको, तो जंगल फिर से जीवंत हो जाएगा।” (Fairy Tale)
मीरा ने ठान लिया और महल की ओर चल पड़ी। रास्ते में, जंगल के जानवरों ने उसकी मदद की। एक बातूनी तोते ने उसका मार्गदर्शन किया, एक चतुर बंदर ने उसे नदी पार करने में मदद की, और एक बहादुर हाथी ने उसे काँटेदार रास्तों से सुरक्षित पहुँचाया। आखिरकार, वह महल के द्वार पर पहुँची। (Fairy Tale)
मीरा ने खुद को एक घूमने वाली कहानीकार के रूप में प्रस्तुत किया और महल के पहरेदारों को कहानियाँ सुनाने लगी। उसकी मोहक कहानियों ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने उसे महल में जाने दिया। महल के अंदर, मीरा तोते के निर्देशों का पालन करते हुए खजाने के कमरे तक पहुँची। वहाँ, चमचमाते गहनों के बीच, वह क्रिस्टल हल्की चमक के साथ रखा हुआ था।
अपने साथ लाई एक छोटी दर्पण का उपयोग करते हुए, मीरा ने क्रिस्टल पर सूरज की रोशनी डाली, जिससे वह तेज़ चमकने लगा। अचानक रोशनी से पहरेदार घबरा गए, जिससे मीरा को क्रिस्टल लेने और भागने का मौका मिल गया। तोता उसे वापस बरगद के पेड़ तक ले गया। (Fairy Tale)
अनया बहुत खुश हुई। जैसे ही मीरा ने क्रिस्टल को जड़ों में वापस रखा, पेड़ ने जीवंत ऊर्जा से चमकना शुरू कर दिया। फूल खिल उठे, और जंगल रंगों और ध्वनियों से भर गया। परी ने मीरा को आशीर्वाद दिया और उसे एक जादुई पायल भेंट की, जो हल्के से बजती थी और उसे उसकी बहादुरी की याद दिलाती थी।
उस दिन के बाद, मीरा जंगल की रक्षक बन गई, यह सुनिश्चित करती कि उसका संतुलन कभी ना बिगड़े। गाँववाले अक्सर उस बहादुर लड़की और जादुई बरगद के पेड़ की कहानी सुनाते थे, जो पीढ़ियों तक दया और साहस को प्रेरित करती रही।
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